🌹भारत के नागरिकों (वोटरों )को महंगाई भत्ता सहित ₹5000 मासिक वोटर- पेंशन" आर्थिक हिस्सेदारी देने हेतु ,राष्ट्रपति के समक्ष "स्मरण पत्र - याचिका 🙏🙏🙏🙏🙏
*श्री रामनाथ कोविंद जी*
माननीय राष्ट्रपति भारत सरकार
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-110004
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विषय : *वैश्वीकरण ,निजीकरण, मशीनीकरण,एवं विश्व बाजार प्रतिस्पर्धा तथा कोरोना वायरस लाकडाउन के चलते भारत में भुखमरी, कुपोषण,गरीबी, बे-रोजगारी को रोकने एवं "नागरिकों को आत्मनिर्भर" बनाने के लिए सांसदों एवं विधायकों की तरह देश की आर्थिक समृद्धि( राष्ट्रीय आय) में भारत के नागरिकों - वोटरों को महंगाई भत्ता सहित ₹5000 प्रति महीने "वोटर पेन्शन- वोटर शिप" के रूप मे आर्थिक हिस्सेदारी देने हेतु स्मरण पत्र-याचिका* ।
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महोदय
संयुक्त राष्ट्र संघ के श्रम निकाय ने गतवर्ष चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस संकट के कारण अनौपचारिक असंगठित क्षेत्र मे काम करने वाले लगभग 40 करोड लोग गरीबी में फंस सकते हैं और दुनिया भर में 19.5 करोड लोगों की पूर्णकालिक नौकरी छूट सकती है और अब ऐसा ही हो रहा है।
*नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने 31 मई 2021 को दैनिक नवभारत टाइम्स के हवाले से कहा है कि भारत में कोरोना संकट की दूसरी लहर के दौरान गरीब लोगों को काफी दिक्कतें हुई है, उन्हेंने सीधे तौर पर गरीबों को फंड ट्रांसफर करने की बात की और कहा कि बड़ा राहत पैकेज जारी करने के लिए सरकार की ओर से नोट छापने चाहिए। इस सवाल पर नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा कि हमें ऐसा जरूर करना चाहिए । हम कोरोना संक्रमण के इस दौर में गरीब लोगों की मदद करने और कई लोगों को "लोन डिफाल्टर" करने से बचाने में कामयाब हो सकते हैं*।
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई एलओ) ने अपनी रिपोर्ट "आईएलओ और निगरानी- दूसरा संस्करण कोविड-19 और वैश्विक कामकाज" मे कोरोना वायरस संकट को दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे भयानक संकट बताया।
आईएलओ के महानिदेशक गाय राइडर ने कहा कि "विकसित और विकासशील दोनों अर्थव्यवस्थाओं में श्रमिकों और व्यवसायों को तबाही का सामना करना पड़ रहा है, हमें तेजी से निर्णायक रूप से और एक साथ कदम उठाने होंगे" ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में 2 अरब लोग अनौपचारिक असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं ।इनमें से ज्यादातर उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं से हैं और यह विशेष रूप से संकट में है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड -19 संकट से पहले ही अनौपचारिक क्षेत्र के लाखों श्रमिक प्रभावित हो चुके हैं ।आई एल ओ ने कहा "भारत ,नाइजीरिया और ब्राजील लॉक डाउन और नियंत्रण उपायों से बड़ी संख्या में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के श्रमिक प्रभावित हुए हैं"।
रिपोर्ट में कहा गया है कि " भारत में अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करने वालों की हिस्सेदारी लगभग 90% है , इसमें से करीब 40 करोड़ श्रमिकों के सामने गरीबी में फंसने का संकट है "। इसके मुताबिक भारत में लागू किए गए देशव्यापी बंद से श्रमिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे उन्हें अपने गांव की ओर लौटने को मजबूर होना पड़ा है ।
भारत में बढ़ रही गरीबी के आंकड़ों को देखें तो ! गत वर्ष "वैश्विक भूख सूचकांक" (जी एच आई) ने दुनिया भर में भूख से जूझ रहे देशों की जानकारी देने वाली रिपोर्ट "ग्लोबल हंगर इंडेक्स - 2019" मे भारत को 102 वां स्थान मिला। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में अब भी काफी भुखमरी मौजूद है ।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 में कुल 117 देशों को शामिल किया गया जिसमे भारत 102वें पायदान पर था ।यह दक्षिण एशियाई देशों में सबसे निचला स्थान है। भारत, ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे है। रिपोर्ट के अनुसार भारत को 100 अंकों में से 30.3 अंक मिले जो भुखमरी की गंभीर स्थिति को दर्शाता है।
वर्ष 2014 में मौजूदा सरकार के सत्ता संभालते समय भारत "वैश्विक भूख सूचकांक" के 55 वें रैंक पर था, 2015 में 80 में स्थान पर, 2016 में 97 स्थान पर, 2017 में 100वें स्थान पर और 2018 में 103 वें स्थान पर था।
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 50 करोड़ 30 लाख लोग भुखमरी के शिकार हैं। अकेले भारत में भूखे लोगों की संख्या 20 करोड़ से भी अधिक है।
*वैश्वीकरण, निजीकरण, मशीनीकरण एवं विश्व बाजार प्रतिस्पर्धा तथा कोरोना वायरस लाकडाउन के कारण भारत में बढ़ रही आर्थिक तंगी ,कुपोषण,गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी एवं आत्म हत्याओ को रोकने के लिए सांसदों एवं विधायकों की तरह देश के नागरिकों (वोटरों) को हर महीने वोटर पेन्शन, देने हेतु " वोटरशिप आर्थिक हिस्सेदारी कानून " बनाकर प्रतिमाह 5000₹ नकद रकम महंगाई भत्ता सहित नागरिकों (वोटरों ) के बैंक खातों में भेजने एवं एटीएम द्वारा 'वोटर पेंशन' निकालने की कानूनी प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए* ।
क्योंकि भारत के प्रत्येक नागरिक का देश की संपूर्ण प्राकृतिक संपदा, जल, जंगल, जमीन, खनिज और सारी धन-संपत्ति में मूलभूत समान अधिकार है। भारत का आम नागरिक अपने धन और अधिकार से वंचित होकर नितांत गरीबी, बेरोजगारी, बदहाली ,अभाव, शोषण, लाचारी, अपमान और अन्याय का पशुपति जीवन जीने को मजबूर हो रहा है।
भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, ☺️🎂प्रधानमंत्री एवं भारत सरकार के मंत्रियों, संसद सदस्यों, देश के सभी विधायकों की तरह भारत के प्रत्येक नागरिक का राष्ट्रीय संपत्ति( सकल घरेलू उत्पाद) राष्ट्रीय आय में बराबर का हिस्सा है। देश के नागरिकों को छोड़कर बाकी यह सब लोग देश की राष्ट्रीय आय से लाखों रुपया महीना एवं सुविधाएं प्राप्त करते हैं और रिटायरमेंट के बाद भी आजीवन पेंशन एवं जरूरी सुविधाएं प्राप्त करते हैं तो! *भारत में ग्राम प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक बनाने वाला मतदाता (वोटर) को महीना पेंशन भत्ता सुविधाएं क्यों नहीं ? इसलिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद,राष्ट्रीय आय की 50%आधी रकम महंगाई भत्ता सहित सीधे वोटर के बैंक खाते में भेजी जानी चाहिए और 50 प्रतिशत राष्ट्रीय आय से देश चलाने की व्यवस्था होनी चाहिए*।
भारत में गरीबी ,भुखमरी एवं आत्महत्याओं को रोकने के लेकर "आर्थिक आजादी अभियान" की ओर से 28 दिसंबर 2018 को भारत के राष्ट्रपति माननीय श्री रामनाथ कोविंद जी को एवं श्री नरेंद्र मोदी माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार को याचिका के माध्यम से संज्ञान में लाया गया था। किंतु सरकार द्वारा हजारों करोड रुपयों की योजनाएं एवं पैकेज धनराशि मंजूर किए जाने के बावजूद देश में आधी से अधिक आबादी भ्रष्टाचार के इस युग मे भूंख, गरीबी , कुपोषण एवं बेरोजगारी के चलते बे- मौत मरने के लिए मजबूर हो रही है।
*अतः भारत में चल रहे गरीबी, बेरोजगारी, महामारी संकट को देखते हुए हमारा आग्रह है कि भारत सरकार इस आर्थिक हिस्सेदारी प्रस्ताव "स्मरण पत्र- याचिका" पर गंभीरतापूर्वक विचार- विमर्श करके देश के मतदाताओं- नागरिकों ( असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों- गरीबों) को आर्थिक समृद्धि में हिस्सेदारी देने हेतु "वोटर पेंशन कानून" बनाकर आर्थिक न्याय का मार्ग प्रशस्त करें ,जिससे आर्थिक तंगी, भूख, कुपोषण, बे-रोजगारी, गरीबी में घुट- घुट कर जी रहे लोगों की जान बचाई जा सकेगी और आम लोगों का जीवन सुखमय में होगा* ।
*सर्वे भवन्तु सुखिनः*🌹🌹🌹🌹🌹
प्रतिलिपि सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही करने हेतु।
👉 *श्री नरेन्द्र मोदी जी*
प्रधानमंत्री भारत सरकार
साउथ ब्लॉक केंद्रीय सचिवालय,रायशिना हिल्स,नई दिल्ली-110011
*अभय रत्न बौद्ध*
केंद्रीय संयोजक ,आर्थिक आजादी अभियान
*केंद्रीय कार्यालय*: बुध्द कुटीर, 284 /सी- 1, स्ट्रीट नंबर - 8 , नेहरू नगर न्यू दिल्ली 110008
M:09899853744
*Email* : argautam48@gmail.com
👉 *नोट : कृपया समर्थन में अपना नाम, पता,मोबाइल नंबर, व्हाट्सएप नंबर, एवं ईमेल लिखें, जिससे भारत में बढ़ रही बेरोजगारी, भूंख एवं गरीबी उन्मूलन तथा देश की राष्ट्रीय आय में नागरिकों को अपने हिस्से की आधी रकम सीधे बैंक खाते में भिजवाने के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई जा सके* ।
👉 जनहित में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
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