सब भगवान की मर्जी से होता है

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एक भक्त की चाय की दुकान है , वह हर बात में भगवान को घुसेड़ देता है . 
॥ एक दिन मेरे पास बैठकर बोला , " सब भगवान की मर्जी से होता है , उसकी मर्जी के बगैर पत्ता भी नहीं हिल सकता
 मैंने पास पड़ी हुई अख़बार उठाई , और उसे ख़बरें पढ़कर सुनाने लगा . भगवान की मर्जी से बस - ट्रक की टक्कर में 14 की मौत , 30 गंभीर ज़ख़्मी .. भगवान की मर्जी से धार्मिक यात्रा पे जा रहे पूरे परिवार की हादसे में मौत . भगवान की मर्जी से 5 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या . भगवान की मर्जी से बिहार में भयंकर बाढ़ , 160 मरे , हज़ारों घर तबाह..फ़सलें बर्बाद , अरबों का नुकसान . भगवान की मर्जी से औरत ने अपने तीन बच्चों के साथ आत्महत्या की . भगवान की मर्जी से दो गुटों में भीषण लड़ाई , 3 की मौत , 7 ज़ख़्मी . भगवान की मर्जी से 5 कांवड़ियों की सड़क हादसे में मौत , 8 गंभीर ज़ख़्मी . भगवान की मर्जी से आठ साल की बच्ची की सांप के डसने से मौत .भगवान की मर्जी से आसमानी बिजली गिरने से दो की मौत .
 भक्त ने बीच में रोकते हुए कहा , " आप झूठ बोल रहे हो , कहीं भगवान की मर्जी से नहीं लिखा " 
मैंने कहा , " लिखा नहीं है लेकिन ये सब भगवान की मर्जी से हो II 
II भक्त बोला , " भगवान ये सब नहीं करता मैंने कहा , " तुम तो कह रहे थे कि सब भगवान की मर्जी से होता है , मुझे बताओ कि भगवान की मर्जी से क्या - क्या होता है और क्या - क्या नहीं होता ? "
 भक्त ने सोचकर कहा , " सोचकर बताऊंगा " मैंने कहा , " इसका मतलब ये हुआ कि आज तक तुम बिना सोचे - समझे ही बोलते रहे .. तुम लोग सच में तोते हो . 
मैं एक आस्तिक दोस्त से मिलने उसके घर गया . वह तस्वीरों के आगे शाम की आरती गा रहा था . दूसरे दिन मैंने उससे कहा , " अगर मैं तुम्हें कहूँ कि तुम मूर्ख हो , खलनायक हो , यौनकुंठा के शिकार हो तो तुम्हें कैसा लगेगा ? " दोस्त बोला , " बुरा ही लगेगा , और क्या ? 

"मैंने कहा , " कल तुम भगवान के सामने गा रहे थे कि मैं मूर्ख , खल , कामी .. मैं सेवक तू स्वामी .. तुम भगवान के सामने झूठ बोल रहे थे या सच बोल रहे थे ? ' 

दोस्त बोला , " अरे वह तो आरती में लिखा है तो बोल देते हैं " 
मैंने कहा , " इसका मतलब , तुम लोग भगवान के सामने भी बिना सोचे - समझे बोलते हो . इसी लिये सारी उम्र ख़ुद को मूर्ख , खल , कामी बोलते रहते हो . 

दोस्त चिढ़कर बोला , " तुम अपने काम से काम रखा करो , हम जो मर्जी करें 11 

मैंने कहा , " Sorry यार , अब मैं कुछ नहीं बोलूंगा , तुम खुद को मूर्ख , खल , कामी कहते रहो II 
कुछ दिन बाद दोस्त फिर मिल गया , आते ही गुस्से से बोला , " तुम अपने काम से काम नहीं रख सकते ? 
मैंने पूछा , " अब मैंने क्या कर दिया ? " दोस्त बोला , " आरती में क्या लिखा है , तुम्हें इससे क्या लेना - देना ? तुम्हारी वजह से आरती करना मुश्किल हो गया मैं समझ गया कि अब उसे मूर्ख , खल , कामी वाली लाइन डिस्टर्ब करने लगी है . मैंने हंसते हुए कहा , " ये तो अच्छा हुआ कि अब तुम बोलने से पहले सोचने लगे हो , अब तुम तोते से इन्सान बन रहे हो " सोचते - समझते कुछ नहीं , बोलते बहुत हैं . दीन - धर्म में इन्सान कम हैं , तोते बहुत हैं ...

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Milan Tomic

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